आयोग की कार्यवाई से बचने के लिये जिलाधिकारी को सोपनी होगी 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट।

आयोग की सख्ती और शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही के बीच सघर्ष करता बच्चों के शिक्षा का अधिकार

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (आर.टी.ई) के अंतर्गत चयनित बच्चों के एडमिशन कराने के लिये निरन्तर प्रयास जारी है जीपीए के प्रयासों का ही परिणाम है बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिये बनी देश की सबसे बड़ी संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग भी लगातार सख्ती दिखा रही है जिसका उदहारण आज देखने को मिला अभी लगभग दो महीने पहले जिले के गौतम पब्लिक स्कूल , प्रताप विहार द्वारा आर. टी .ई के अंतर्गत चयनित छात्रा का एडमिशन लेने से इनकार कर दिया था जिसकी शिकायत अभिभावक द्वारा शिक्षा अधिकारियों सहित जिलाधिकारी से भी की थी लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाई नही की गई जिसके बाद अभिभावक ने जीपीए से मदद मांगी जीपीए ने तुरंत अभिभावक को आश्वासन दिया कि छात्रा का एड्मिसन हर हालत में सुनिश्चित कराया जाएगा जीपीए ने तत्काल एनसीपीसीआर को कार्यवाई के लिए पत्र लिखा जिसका संज्ञान लेते हुये एनसीपीसीआर ने जिलाधिकारी को 20 दिन के अंदर एड्मिसन सुनिश्चित करा जांच रिपोर्ट सौपने के आदेश दिए लेकिन दो महीने से भी ज्यादा का समय बीत जाने पर ना तो जिलाधिकारी ने छात्रा का एड्मिसन ही कराया और ना ही जांच रिपोर्ट आयोग को सोपी जिस पर एक बार फिर आयोग ने सख्ती दिखाते हुये जिलाधिकारी को 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट सौपने के आदेश दिए है अन्यथा की स्थिति में आयोग ने स्पष्ट किया है की सेक्शन 14 की सीपीसीआर एक्ट 2014 के अंतर्गत न्यायलय में उपस्थित होने के लिए तैयार रहना होगा जीपीए ने उम्मीद जताई है कि शिक्षा अधिकारी और जिलाधिकारी विषय की गंभीरता को समझते हुये अपने अधिकारों का प्रयोग करेगे और समय रहते आर .टी.ई के अंतर्गत बच्चों का एडमिशन सुनिश्चित कराएंगे जीपीए के सचिव अनिल सिंह ने बताया कि आर .टी.ई के अंतर्गत चयनित बच्चों का एडमिशन स्कूलो में सुनिश्चित कराने के लिए गाजियबाद पेरेंट्स एसोसिएशन न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नही हटेगी।

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