घोटाले बाज ठेकेदार सड़क निर्माण कार्य मे विभाग को लगा रहा लाखों का चूना
रिपोर्टर सूरज सागर बरेली
आपको बता दें प्रधानमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत बरेली जनपद के तहसील आंवला मे आंवला अलीगंज मार्ग से इस्माइलपुर गांव होते हुये मझगवां चौराहे तक जिसकी लम्बाई 6.550किमी और अनुमानित लागत 363.22 लाख रूपये की लागत से सड़क निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें ठेकेदार द्वारा शासन प्रशासन को लाखों रूपये की चपत लगाई जा रही है वहीं ठेकेदार द्वारा रोड मे की जा रही भारी अनियमिताओं से शासन प्रशासन बिल्कुल बेखबर है ठेकेदार द्वारा डलवाये जा रहे रोड पर पुराने रोड को तोड़कर फस्ट कोट मे पुराना और नया पत्थर मिक्स डाला गया और उस पर मिट्टी डाली गई अब दुबारा भी सेकेंड कोट पर पत्थर डालकर उसके ऊपर बजरफुट डालने की जगह मिट्टी डालकर और मिट्टी के ऊपर नाम मात्र के लिये बजरफुट डाला जा रहा है लगभग 6.550 कि०मी० लम्बी सड़क मे ठेकेदार द्वारा अबतक यह कार्य लगभग 2 किलोमीटर तक पत्थर के ऊपर मिट्टी और मिट्टी के ऊपर नाम मात्र के लिए बजरफुट डालने का कार्य किया जा चुका है बहीं रोड की साइड से लगने बाली ईंटो मे भी घटिया किस्म की चटका ईंट का उपयोग किया जा रहा है। जिसका स्थानीय ग्रामीणों द्वारा घोर बिरोध किया जा रहा है रोड पर काम कर रहे मजदूरों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उनको इस तरह का कार्य करने को ठेकेदार द्वारा कहा गया है उन्होंने इस तरह की घटिया सामग्री डालकर रोड का निर्माण आज तक कहीं नहीं किया
बहीं घटिया सामग्री और रोड पर पत्थर के ऊपर मिट्टी और मिट्टी के ऊपर हल्का नाममात्र बजरफुट पड़ने की तस्वीरे भी ग्रामीणों द्वारा खींचकर शोसल मीडिया पर वायरल की जा रही हैं और विरोध जताया जा रहा है साथ ही कहा जा रहा है आखिर किसकी मिलीभगत ,सांठगांठ से ठेकेदार द्वारा घटिया कार्य कर लोक निर्माण विभाग को लाखों का चूना लगाया जा रहा है
विभाग को ठेकेदार द्वारा लाखों का चूना लगाया जा रहा है
ठेकेदार द्वारा लाखों का घोटाला किया जा रहा है अब देखने योग्य होगा कि विभाग को ठेकेदार द्वारा लगाई जा रही लाखों की चपत का पर्दाफाश होने की जानकारी होने के बाद आगे क्या कार्यवाही की जायेगी या मामले को ठंडे बस्ते मे डाल दिया जायेगा।
बरेली। भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक आबादी वाले सड़क-संपर्क से वंचित गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना है।प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के वक्त से ही इसका नाम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना है।