संवाददाता सूरज सागर आंवला
आंवला। दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं उभरते शायर कुमार मनोज दीप इनका जन्म 10 नवंबर 1989 को ग्राम व पोस्ट फुलासी तहसील आंवला जिला बरेली में हुआ बचपन से ही शायरी के शौकीन शायर युवाओं एवं बुजुर्गों के दिलों में इसलिए भी राज करते हैं यह अपनी शायरी के माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का काम करते रहे हैं और राजनीति के माध्यम से लोगों की सेवा में अपना समय बिताते हैं इसका जीता जागता उदाहरण सन 2021 में इन्होंने क्षेत्र पंचायत का चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीत कर लोगों की पहली पसंद बन गए लोगों का भरपूर प्यार एवं स्नेह मिल रहा है दिलों के दर्द को लिखना तो कोई इनसे सीखे
यह लिखते हैं
(1)लिपट कर बाप से जब दामन तूने भिगोया होगा
करके याद तुझको तेरा भाई भी कहां सोया होगा
सूनी रह गई होंगी तेरे बगैर तेरे गांव की गलियां
कसम खुदा की तेरी याद में आसमां भी रोया होगा
(1)अपनी ग़ज़ल में तुझको मैं अपना ख्वाब लिख दूं
महकता रहूं मैं सदियों तक तुझको गुलाब लिख दूं
मेरे दिल में दीप हरदम अब तेरा खयाल रहता है
जी चाहता है तुझ पर मैं अब कोई किताब लिख दूं ।