बरेली/आवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए किसान अपनी कड़ी मेहनत से उगाई फसल को बचाने के लिए दिन रात करता है पहरेदारी फिर भी आवारा पशुओं का जत्था जिस किसान के खेत में पहुंच जाता है वह उसकी हरी-भरी खेती को थोड़ी देर में ही उजाड़ कर चौपट कर देते हैं इस संकट से उभरने के लिए शासन द्वारा स्थापित की गई गौशालाओं में भी केबल गायों को लेना ही स्वीकार किया जाता है परंतु साडो को वह भी नहीं लेते हैं क्योंकि वह गौशाला की व्यवस्था को भंग करते हैं जिससे गौशाला संचालक को भारी संकट का सामना करना पड़ता है इधर किसान अपनी गेहूं की फसल बचाने के लिए दिन से लेकर रात तक बारी-बारी से पहरा देकर बचा रहे परंतु जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी से बात की तो उन्होंने सर्वप्रथम तो अपना नाम ना छापने के साथ ही इसका कोई निदान दिखाई ना देना स्वीकार किया इसके चलते विकासखंड भदपुरा के वीडियो भगवान दास से बात की तो उन्होंने भी किसानों को गाय पालने की बात कही और कहा इसके एवज में उन्हें ₹900 प्रति माह
एक गाय के भरण-पोषण में दिया जाएगा परंतु किसान पशुओं को इसलिए पालना नहीं चाहता है कि आखिर इनकी बिक्री नहीं होगी तो इनके लिए चारा कहां से आएगा परंतु आवारा पशु किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रहे हैं सांसद प्रतिनिधि रवि शंकर गंगवार से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा शासन द्वारा गौशालाओं का निर्माण कराया जा रहा है जल्द से जल्द कार्य पूर्ण होने के बाद इनको पकड़कर गौशालाओं में रखा जाएगा ताकि किसानों को अपनी फसल उगाने में कोई भी असुविधा ना हो सके।