सरकार द्वारा डायल 112 को दिये गये वाहन चेकिंग के अधिकार का किसानों ने किया विरोध,अवैध बसूली की आशंका जताते हुए इसे बंद किए जाने की मांग की ।
रिपोर्टर बबलू सागर आंवला बरेली ✍️
आंवला । शनिवार को भारतीय किसान यूनियन टिकैत के किसानों ने मुख्यमंत्री को संबोधित 13 सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी आंवला नहनेराम को सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने डायल 112 को दिये गये वाहन चेकिंग के अधिकार का विरोध करते हुए कहा डायल 112 को वाहन चेकिंग का अधिकार दिया गया है जिससे अवैध वसूली शुरू हो गई है। इसे बंद किया जाए।इसके अलावा पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई न करने की अपील की। किसान आंदोलन में शहीद हुए 750 किसानों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग व विद्युत विधेयक 2020 को वापस लेने की मांग के साथ यूपी के किसानों को भी अन्य राज्यों की तरह अनुदान की मांग की। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग की है।किसानो की यह भी मांग हैं कि जब धान की फसल किसान पैदा करता है तब चावल का एक्सपोर्ट वैन कर दिया जाता है। तथा किसान धान बेंच चुका होता है। तो एक्सपोर्ट सरकार द्वारा खोल दिया जाता है इससे किसान को हानि तथा व्यापारी को मोटा मुनाफा होता है। रबी फसल गत वर्ष बाजार में 3000/- रूपये कुटल तक जब बिका जब किसान बेच चुका था इस वर्ष गेंहू का समर्थन मूल्य 3500/- रूपये प्रति कुंटल घोषित किया जाये। आवारा पशुओ से किसान की फसले बर्बाद हो रही है तथा छुट्टा पशुओ द्वारा किसान की मृत्यु भी हो रही है परन्तु कोई प्रभावी कार्यवाही सरकार द्वारा नहीं की जा रही है यह दुर्भाग्य पूर्ण है। जब भाजपा विपक्ष में थी तब अन्य दलों की सरकारों से 450 रुपए प्रति कुंतल की मांग करती थी अब स्वयं सत्ता में है तो 450 मूल घोषित कर देना चाहिए उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री का यह कहना है कि गन्ना मूल हर साल नहीं बढ़ाया जा सकता यह उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ मजाक है जबकि मजदूरी के रेट बड़े हैं खाद व पेस्टिसाइड व कृषि यंत्रों के रेट बड़े है तो गन्ना मूल क्यों नहीं बढ़ना चाहिए। जनपद बरेली में जो भी गन्ना चीनी मील है इनमे बहेड़ी व नबाबगंज चीनी मील का गन्ना मूल्य भुगतान काफी पिछड़ा हुआ है जबकि गन्ना समिति के अनुसार 14 दिन में भुगतान होना चाहिए परन्तु कई महीने देरी से भुगतान किया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट बिजली विभाग के निजीकरण का पुरजोर विरोध करती है तथा साविवीदेवी बिजली विभाग के कर्मचारी तथा सविदा कर्मचारी यदि निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते है तो भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट निजीकरण का विरोध करेगा। प्रकोष्ठ उक्त बिजली विभाग कर्मचारियों का समर्थन करेगा।इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के प्रदेश महासचिव चौधरी शिशुपाल सिंह, तहसील अध्यक्ष महाराज सिंह यादव, मोहम्मद तारिक उस्मानी, सावित्री देवी,नवल किशोर,उदल सिंह वर्मा, पंकज कुमार शर्मा, सहित काफी बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।