सनसनी खबर 24
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा नो डिटेंशन पालिसी के तहत कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को बिना परीक्षा के अगली क्लास में प्रमोट करने का आदेश जारी करने के लिए ट्विटर के माध्य्म से प्रदेश सरकार के शिक्षामंत्री से मांग की है जीपीए ने कहा की दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए आदेश जारी किया जा चुका है प्रदेश सरकार को भी उत्तर प्रदेश के समस्त अभिभावको और छात्र / छात्राओ के हितों को ध्यान में रखते हुये ऐसा ही आदेश जारी करना चाहिये कोरोना वैश्विक महामारी के कारण लगभग 2 साल से भी ज्यादा समय के लिये प्रदेश के सभी स्कूल पूर्णतया बंद रहे। पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के लिए छात्र / छात्राओ द्वारा ऑन लाइन शिक्षा ग्रहण की गई, परंतु निजी स्कूलों की मनमानियों और संसाधनों के अभावो के चलते लगभग 56% छात्र / छात्राओं को ऑन लाइन शिक्षा से भी वंचित भी रहना पड़ा। इन परिस्थितियों के कारण अभिभावक और बच्चे दोनों ही मानसिक तनाव में भी रहे हैं। बच्चे दो साल के लम्बे अंतराल के बाद ऑन लाइन शिक्षा से ऑफ लाइन शिक्षा की तरफ आ रहे है इसलिये गजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन आपसे अनुरोध करती है कि विद्यार्थियों के भविष्य एवं इस महामारी के कारण उत्पन्न हुई विभिन्न व्यधियों एवं उनकी मनोस्थिति को ध्यान में रखते हुये शिक्षा के अधिकार अधिनियम (2009) के अहम हिस्सा “नो डिटेंशन पालिसी” के तहत कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली क्लास में प्रमोट करने का आदेश अतिशीघ्र जारी किया जाए। साथ ही गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कहा दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा दिल्ली के सभी सरकारी एवं गैरसरकारी स्कूलो को कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट करने का आदेश जारी किया जा चुका है जब दिल्ली सरकार द्वारा अपने बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुये कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का आदेश दिया जा सकता है तो फिर प्रदेश सरकार द्वारा ऐसा आदेश क्यो नही निकाला जा सकता है प्रदेश के शिक्षा मंत्री जी से अनुरोध है कि उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा भी कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को नो डिटेंशन पालिसी के तहत अगली कक्षा में प्रमोट करने का आदेश अतिशीघ्र जारी किया जाये, जिससे कि बच्चों और अभिभावको का मानसिक तनाव कम किया जा सके ।