मैं पत्रकार कुलदीप सक्सेना आपको पिता दिवस पर कुछ चंद लाइने लिखकर पिता के बारे में बताना चाहूंगा एक बाप बेटे का न रिश्ता ऐसा होता है
मां तो बोल देती है ना कि बेटा लव यू पर बाप बोलता नहीं और मां के लिए बहुत लिखा पढ़ा गया बाप के लिए कम लिखा गया है और पिता के लिए चार लाइन ही लिखता हूं पिता रोटी है कपड़ा है मकान है पिता नन्हे से परिंदे का एक बड़ा आसमान है पिता है तो घर में प्रतिपल राग है पिता से ही मां की चूड़ी बिंदी और सुहाग है पिता है तो बच्चे के सारे सपने हैं पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने हैं जो भी चीज हम मांगते हैं अपने पिता से वह हर चीज दिलाने वाला पिता ही होता है पिता बहुत धनवान होता है पिता हमारे ऊपर आने वाली तमाम मुसीबतें आती है उन सभी को दूर करने वाला ही पिता होता है पिता बहुत बलवान होता है पिता बहुत शक्तिमान होता है पिता अगर मैं संक्षेप में कहूं तो वास्तव में पिता भगवान होता है जब तक वह शुरू छूरिओ भरे हाथ मेरे सिर पर है मेरी जान जिंदा है मेरा रोहाप जिंदा है कयामत भी आ जाए तो मेरा क्या बिगाड़ेगी अभी मेरा बाप जिंदा है
मेरी पहचान है मेरे पापा मेरी हर खुशी है मेरे पापा जो लाखों में एक है मेरी जान है पापा की एक सच्ची छोटी सी बात है पिता के बिना मेरी क्या औकात है और हजारे मुश्किलें उस अकेले शख्स से हार गई जिसके सर पर पिता का हाथ है आप सभी भारत वासियों को पिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं हमेशा अपने पिताजी बातों का पालन करें और उनकी बातें हमेशा माने कभी भी पिता का अपमान ना करें पिता का हमेशा सम्मान करें