अलीगंज की बहू की सताई हरियाणा की सास रोए जार-जार
आंवला/ बरेली। हरियाणा के गुरुग्राम, सेक्टर-51 के रहने वाले परिवार की एक महिला ने, यहां के अलीगंज की एक युवती को अपनी बहू बताते हुए, उस पर ससुराल वालों के खिलाफ षडयंत्र रचकर, फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया है। गुरुग्राम की अलका लाल पत्नी अतुल लाल ने कहा है कि अलीगंज के एक परिवार की बेटी जो उनकी बहू है, उसने यह फर्जीबाड़ा, ससुराल वालों को डरा-धमकाकर, अवैध रूप से धन वसूली की नीयत से किया है। पीड़िता अलका लाल ने, इस आशय की साजिश करने का आरोप लगाते हुए, आंवला के न्यायिक मजिस्ट्रेट, द्वितीय की अदालत में, एक वाद दायर किया है। यहां के अधिवक्ता सुमित पाहुजा की मार्फत कोर्ट में दायर प्रकीर्ण वाद संख्या 110 / 2022 में, सास अलका अपनी बहू, थाना व कस्बा अलीगंज निवासी तरंग अग्रवाल पुत्री योगेश अग्रवाल, योगेश अग्रवाल पुत्र जुगलकिशोर और स्वस्ति अस्पताल, बदायूं रोड, सुभाष नगर, बरेली निवासी डॉ. प्रीति वैश्य पत्नी अजय वैश्य को प्रतिवादी बनाया है। न्यायालय ने 156 (3), सीआरपीसी के तहत मामले को स्वीकार करते हुए, थाना अलीगंज पुलिस को निर्देशित किया है कि तीन दिन के अंदर, वादिनी अलका लाल की तरफ से एफआईआर दर्ज कर, मामले की जांच की जाए और उसकी आख्या न्यायालय में प्रस्तुत की जाए।
आंवला के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की कोर्ट में दायर मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गुरुग्राम की अलका लाल की पुत्रवधू तरंग अग्रवाल और उसके पिता योगेश अग्रवाल, निवासी अलीगंज ने वादिनी अलका लाल, उसके पति अतुल लाल और उसके पुत्र अंकित लाल ( जो तरंग अग्रवाल का पति है ) से अवैध धन वसूली की नीयत से, थाना अलीगंज में झूठा मुकदमा लिखा दिया कि सास अलका लाल, ससुर अतुल लाल और पति अंकित लाल ने जोर-जबर्दस्ती का दबाव डालकर बहू तरंग अग्रवाल का गर्भपात करा दिया। आरोप है कि तरंग अग्रवाल और उसके पिता योगेश अग्रवाल ने करीब 50 हजार रुपये का चेक देकर, बरेली की डॉ. प्रीति वैश्य के शपथ-पत्र के साथ, गर्भपात का फर्जी दस्तावेज भी तैयार कराकर, अलीगंज पुलिस को साक्ष्य के तौर पर दिया, ताकि अलका लाल, उनके पति योगेश और पुत्र अंकित को गिरफ्तार कराकर जेल भेजा जा सके। हालांकि, थाना अलीगंज में जिस डॉक्टर प्रीति वैश्य का शपथ-पत्र और गर्भपात के कागजात सौंपे गए हैं, पुलिस की विवेचना में उसी डॉ. प्रीति ने बहुत साफ-साफ कहा है कि जिस युवती तरंग अग्रवाल का गर्भपात कराने का आरोप है, उसका डॉ. प्रीति ने अल्ट्रासाउंड भी नहीं कराया, प्रेगनेंसी टेस्ट भी नहीं किया और तरंग अग्रवाल का यूरिन सैंपल भी नहीं लिया। डॉ. प्रीति ने पुलिस को बयान दिया कि जांच को लाई गई तरंग अग्रवाल को हल्का सा खून तो था, लेकिन भ्रूण जैसा कुछ नहीं था । ऐसी हालत में उसका गर्भपात कराने का कोई सवाल ही नहीं होता। महिला डॉक्टर ने यह कबूल किया कि तरंग अग्रवाल के पिता योगेश ने डॉ. प्रीति के बैंक खाते में 50 हजार रुपये का चेक 08.12. 2021को भेजे हैं
न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की कोर्ट में दायर मुकदमे में वादिनी अलका लाल ने, उनके परिवार के खिलाफ तरंग अग्रवाल की ओर से दर्ज कराई रिपोर्ट के मामले में, अलीगंज पुलिस की विवेचना का हवाला देते हुए, यह भी कहा है कि डॉ. प्रीति ने कबूल किया है।

कि तरंग अग्रवाल के पिता योगेश अग्रवाल मेडिकल की पढ़ाई के दौरान उनके सहपाठी रहे हैं। अदालत ने माना है कि यह मामला तमाम तरह के संदेहों और साजिशों के लपेटे में लगता है। वादिनी अलका लाल के मुकदमे पर गौर करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित कुमार ने प्रकरण को संज्ञेय अपराध की श्रेणी का मानते हुए, संबंधित धाराअों में तीन दिन के अंदर रिपोर्ट दर्ज करने और एक सप्ताह के अंदर विवेचना की आख्या अदालत में प्रेषित करने का, अलीगंज थाना पुलिस को आदेश दिया है।