मैं जी भर जिया मैं मन से मरूं
लौट कर आऊंगा कूच से क्यों डरूं
हम सभी के प्रेरणा स्रोत भारत रतन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन सूरज गंगवार ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेई एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने तीन बार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली श्री अटल बिहारी बाजपेई जी को वर्ष 2015 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था एक राजनेता होने के साथ ही बहुत ही संवेदशील कवि भी थे उनकी कविता सग्रहो मे से खूबसूरत कविताएं जो जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करना हमें सिखाते हैं ठंन गई मौत से ठंन गई।

जूझने का मेरा कोई इरादा ना था मोड़ पर मिलेंगे इसका बाद आना था रास्ता रोककर वह खड़ी हो गई यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई तू दबे पांव चोरी-छिपे सेना सामने बार कर फिर मुझे आजमा पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी बाजपेई जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन सूरज गंगवार
संवाददाता कुलदीप सक्सेना