भ्रष्ट तकनीकी सहायक की बजह से ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप मनरेगा मजदूर पलायन को मजबूर।

संवाददाता मुनेंद्र शर्मा बदायूँ

हजरतपुर/बदायूँ। विकासखंड म्याऊँ की ग्राम पंचायत नगरिया अभय एवं लभारी पर तैनात तकनीकी सहायक प्रशांत वर्मा ने कमीशनखोरी का ऐसा व्यूह रचा है जिसमें इन दोनों ग्राम पंचायतों के प्रधान मनरेगा से कोई भी काम करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। हर कच्चे पक्के कार्य में इनको कमीशन चाहिए कमीशन न देने पर लागत से कम का मूल्यांकन करना इन्हें बखूवी आता है। इस कमीशनखोर टीए को हटवाने के लिए प्रधान दो महीने से बीडीओ से लेकर डीसी मनरेगा तक के चक्कर लगा रहे हैं। ग्राम पंचायत में काम न मिलने के कारण मनरेगा में काम की आस लगाये मजदूर अब निराश होकर शहरों की तरफ पलायन करने को मजबूर हो गये हैं। ग्राम पंचायत नगरिया अभय के प्रधान ने वताया कि मैने मनरेगा योजना के तहत मुन्ना बाल्मीकी के घर से प्राथमिक विद्यालय तक इण्टरलाँकिग रोड वनाया जिसका मूल्यांकन करते समय कमीशन न मिलने के कारण तकनीकी सहायक ने खेल कर दिया मौके पर 11176इण्टरलाँक(सीमेन्ट की ईट,) लगी है और माप में चौडाई कम दिखाकर9766 ईट की प्रविष्टि माप पुस्तकः में दर्शाकर लागत से कम का मूल्यांकन कर दिया जिससे फर्म का वकाया हो गया जिसका तकादा मुझसे होता है।टीए प्रशांत वर्मा पर पहले भी लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप विकास खण्ड उझानी की ग्राम पंचायत गठौना पर अपनी तैनाती के दौरान तकनीकी सहायक प्रशांत वर्मा ने वहाँ के प्रधान से वतौर कमीशन उन्नीस हजार रुपये की मांग की थी जिसका आडियो वायरल होने पर उक्त टीए पर बर्खास्तगी की बजाय स्थानान्तरण की कार्यवाही कर विकास खण्ड म्याऊँ पर तैनाती कर दी गई।

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