संवाददाता सूरज सागर आंवला बरेली।
बरेली । जनपद में भ्रष्टाचार चरम पर है प्रतिदिन भ्रष्टाचार से जुड़े सैकड़ों मामले अक्सर अखबारों की सिर्फ सुर्खियां बनकर रह जाते हैं छपी खबरो से संबंधित विभाग व अधिकारी की मजाल क्या है कि वह उस पर संज्ञान लें और कार्यवाही करें जनपद के सभी व्लाको में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि शिकायतकर्ता की शिकायत का निस्तारण की जगह अधिकारी शिकायतकर्ता को ही हड़काते हैं या शिकायतकर्ता से इतने चक्कर लगवाते हैं कि उसकी चप्पलों में घिसकर सूराख होने लग जाते है।

ताज़ा मामला जनपद के मझगवां सामुदायिक केंद्र का है जहां सरकार की तरफ से कोविड-अस्पताल निर्माण कार्य चल रहा है जहां ठेकेदार और जिम्मेदार सरकारी नियमों आदेशों को ताख में रखकर सरकार की भ्रष्टाचार खत्म करने की मंशा को पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं बताया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहे कोविड-अस्पताल निर्माण कार्य में गुणवत्ता विहीन घटिया पीली ईंट घटिया रेत ,बजरफुट सामग्री का प्रयोग किया जा रहा ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री के इस्तेमाल करने पर मझगवां ग्राम पंचायत की प्रधान ववली देवी के भाई संजीव कुमार ने विरोध किया तो निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार व उसके नुमाइंदे तरह। तरह की धमकियां देने लगे व मौके पर पहुंचे इंजीनियर भड़क गए और ग्राम प्रधान के भाई को जिलाधिकारी से कहकर प्रधानी का बस्ता जमा करने की धमकी दे डाली दूसरे दिन मौके पर पहुंचे संजीव कुमार ने निर्माण कार्य चल रहे स्थान से ही जिलाधिकारी बरेली को फोन कर घटिया पीली ईंटे लगाने व घटिया सामग्री इस्तेमाल किये जाने की शिकायत की जिलाधिकारी ने तत्काल कार्य को बन्द करने का आदेश दिया और निर्माण कार्य में प्रयोग होने बाली ईंट आदि की जांच कराने की बात कही।

मीडिया से हुई बातचीत के दौरान संजीव कुमार ने बताया कि ठेकेदार, इंजीनियर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी वैभव राठौर इन सबकी मिलीभगत से ही यहां पीला ईंट और घटिया सामग्री लगाकर लाखों का घोटाला किया जा रहा है जब इन जिम्मेदारों से मैंने शिकायत की घटिया सामग्री के इस्तेमाल का विरोध किया तो मुझे तरह तरह की धमकियां देने लगे।
सीएचसी प्रभारी वैभव राठौर से जब इस संबंध में मीडियाकर्मियों ने बातचीत करनी चाही तो उन्होंने साफ तौर पर कह दिया जिसको जरूरत हो वह आकर मुझसे मिलकर बात करे । और ये कोई पहला मामला नहीं चिकित्सा प्रभारी वैभव राठौर का मीडियाकर्मियों व शिकायतकर्ताओं के प्रति उनका व्यवहार हमेशा से असंतोषजनक, सम्मान पूर्वक नहीं होना बताया जाता है बताया जाता वैभव राठौर का रवैया मीडियाकर्मियों व शिकायतकर्ताओं को लेकर ठीक नहीं है।
ग्राम प्रधान के भाई संजीव कुमार व मीडियाकर्मियों के साथ इंजीनियर,ठेकेदार, सीएचसी प्रभारी वैभव राठौर के रवैए से तो ऐसा लगता है कि इनकी भूमिका निर्माण कार्य को लेकर वास्तविक संदिग्ध है।
खैर मामले में जिलाधिकारी बरेली ने उपजिलाधिकारी आंवला नहनेराम से जांचकरा कर कार्रवाई की बात कही हैं।