गाजियाबाद। मुख्यमंत्री जी के काईट इंजीनियरिंग कॉलेज में आगमन पर शिक्षा की आवाज बुलंद करने वाली सीमा त्यागी नजरबंद । लोकतांत्रिक देश मे शिक्षा की आवाज उठाने पर नजरबंद करना सवैधानिक अधिकारों का हनन — सीमा त्यागीआज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के गाजियाबाद में काईट इंजीनियरिंग कॉलेज में आगमन से पहले ही हमेशा की तरह पुलिस प्रशासन ने देश के अभिभावको के लिए सस्ती और सुलभ शिक्षा की आवाज बुलंद करने वाली गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी को घर मे ही नजरबंद कर दिया गया । सीमा त्यागी ने जब पुलिस प्रशासन से नजरबंद करने के आदेश लिखित में आदेश दिखाने के लिए कहा तो घर पहुँची पुलिस बल के पास बेबसी के अलावा कोई जबाब नही था सीमा त्यागी ने कहा कि हर बार मुख्यमंत्री या देश के प्रधानमंत्री के गाजियाबाद आगमन पर नजरबंद करना विश्व मे सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश मे आम आदमी के सवैधानिक अधिकारों का हनन करना है ये समझ नही आता कि आखिर शिक्षा के मुद्दे को सरकार क्यो सुनना नही चाहती है देश और प्रदेश के बच्चों के लिए सस्ती और सुलभ शिक्षा की बात करना अपराध तो नही । सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की बात करना अपराध तो नही निजी स्कूलों की लूट पर रोक लगाने की बात करना अपराध तो नही ऐसा लगता है कि सरकार शिक्षा माफियाओं के पूरी तरीके से दवाब में है इसलिये हर बार मुझे नजरबंद कर लोकतंत्र का गला घोंटा जाता है आज तो सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया क्योकि बड़े बड़े मंचो से महिला सशक्तीकरण की बात करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री ने महिलाओं के सबसे बड़ा त्यौहार करवा चौथ पर ही मेरे लिये घर पर ही एक दिन की जेल बना दी क्या यह महिला सशक्तीकरण के नारे पर प्रहार नही । गाजियाबाद पेरेंट्स के माध्य्म से मेरी ये आवाज शिक्षा के लिये हमेशा बुलंद रहेगी चाहे मुझे अपना बलिदान ही क्यो न देना पड़े ।सोजन्य से गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन