गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रयासो से पुनः शरू हुई मेरठ की छत्राओ की पढ़ाई।

सनसनी खबर 24

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन को मिला छत्राओ कि माँ का धन्यवाद

गाजियाबाद। गाजियाबाद पेरेंट्स के प्रयासों और राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के सख्त रुख अपनाने के कारण मेरठ के ऋषभ अकैडमी स्कूल में पढ़ने वाली दोनों छत्राओ और छोटे भाई की पढ़ाई दुबारा शरू हुई यहाँ यह बताना जरूरी है कि मेरठ की दोनों छत्राओ जो कि कक्षा 10 एवम 7 की छात्रा है और उनके छोटे भाई के सर् से कोरोना में पिता का साया छीन गया परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के कारण बच्चों की माँ उनकी फीस नही जमा कर पाई छत्राओ की माँ ने स्कूल प्रबंधन से लेकर शिक्षा अधिकारियों और जिलाधिकारी से फीस माफी की गुहार लगाई जिस पर मेरठ के बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूल प्रबंधन को फीस माफी के लिये पत्र भी लिखा लेकिन स्कूल प्रबंधन ने एक न सुनी और 10 वी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा को प्री बोर्ड की परीक्षा देने से रोक दिया आए 7 वी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा को फीस नही दे पाने पर ग्राउंड में खड़े रखा जिसकी जांच भी जिलाप्रशासन द्वारा कराई गई और प्रकरण सत्य पाया गया लेकिन स्कूल पर कोई कार्यवाई नही हुई छत्राओ की पढ़ाई रुक चुकी थी उनकी माँ अगस्त माह से अधिकारियों के चक्कर काट काट कर थक चुकी थी फिर मेरठ की सामाजिक कार्यकर्ता ने उन्हें गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के बारे में बताया और जैसे ही इन छत्राओ की माँ ने सारा प्रकरण गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी को बताया तो इसके तुरंत बाद जीपीए टीम छत्राओ और उनके छोटे भाई को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए हरकत में आ गई और सारे प्रकरण को बाल आयोग को अवगत कराया और छत्राओ कि वीडियो को ट्वीटर पर लगाया बाल आयोग ने मामले का सज्ञान लेते हुये सख्त रुख अपनाया जिसके कारण स्कूल को बैक फुट पर आने को मजबूर होकर दोनों छत्राओ और उनके भाई को पढ़ाई कराने के लिए मजबूर होना पड़ा । छात्रा की माँ ने बच्चों की पढ़ाई शरू कराने के लिए गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन को धन्यवाद दिया । गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो को प्रकरण का तत्काल सज्ञान लेकर कार्यवाई करने के लिये धन्यवाद बोला और कहा कि गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन देश और प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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