शिक्षक दिवस: ज़ैनब फ़ातिमा की ज़िंदगी में प्रभावी असर रखती हैं उनकी गुरु चमन जहां

संवाददाता सूरज सागर

बरेली। वास्तव में बिना गुरु कोई भी व्यक्ति सफ़ल नही हो सकता, गुरु से ही सम्पूर्ण जगत प्रकाशमय हुआ है। भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारत भर में हर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। गुरुजनों के इस विशेष दिन पर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन कर, समस्त शिक्षकों को धन्यबाद देते हुए सुश्री ज़ैनब फ़ातिमा ने बताया कि उनकी ज़िंदगी पर श्रीमती चमन जहां के प्रभाव को कभी भुलाया नही जा सकता। वो उन्हें हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ करने के लिए प्रेरित करती हैं, उन्होंने ही सिखाया कि इंसान की असली ताक़त उसकी क़लम में है जो तलवारों से लिखी तारीख़ को भी बदल सकती है। जीवन को बेहतर बनाने में जिन शिक्षकों ने भी अमूल्य योगदान दिया है उनके साथ शब्द कभी न्याय नही कर सकते। एक बेहतर इंसान बनने में उनकी कड़ी मेहनत के लिए सभी शिक्षकों को धन्यबाद देते हुए ज़ैनब ने कहा कि, शिक्षकों को हमेशा छात्रों के साथ गहरे सम्बन्ध बनाना चाहिए, अपने अनुभव साझा करना चाहिए जो छात्रों के सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में मदद करते हैं।

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